बीकानेरराजस्थान

ऊर्जा मंत्री डाॅ. कल्ला और उच्च षिक्षा मंत्री भाटी द्वारा राजुवास में देशी गौवंश दुग्ध उत्पाद केन्द्र का लोकार्पण

बीकानेर, ऊर्जा एवं जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री डाॅ. बी.डी. कल्ला और उच्च शिक्षा राज्यमंत्री श्री भंवर सिंह भाटी ने शुक्रवार को वेटरनरी विश्वविद्यालय के डेयरी परिसर में देशी गौवंश दुग्ध पार्लर का विधिवत् लोकार्पण किया।
इस अवसर पर समारोह के मुख्य अतिथि डाॅ. कल्ला ने कहा कि गाय हमारी माता है जो जीवन पर्यन्त दूध प्रदान कर हमें स्वस्थ रखती है। दूध के समान कोई औषधि नहीं है। देशी गोवंश का दूध अत्यंत पौष्टिक और स्वास्थ्यवर्द्धक होता है अतः दशी नस्लों का संरक्षण और उनके उत्पादों का पूरा उपयोग किया जाना चाहिये। देशी गौवंष के दूध की अत्यंत मांग है अतः ऐसे पार्लर का विस्तार किया जाए। डाॅ. कल्ला ने वेटरनरी विश्वविद्यालय द्वारा राज्य में देशी गायों के संरक्षण और उनके पौष्टिक आहार का निर्माण शुरू किए जाने के लिए बधाई दी।Photo Uni.13.12 19 3
ऊर्जा मंत्री ने भी हाल ही सांभर में पक्षियों की अकाल मौत के मामले में सबसे पहले रोग के कारणों का खुलासा करने के लिए वेटरनरी विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक विशेषज्ञता की सराहना की। उन्होंने आशा जताई कि राजुवास जैविक दुग्ध उत्पादन में एक ब्रान्ड बनकर देश-विदेश में अपना नाम रोशन करेगा।
इस अवसर पर उच्च शिक्षा राज्य मंत्री भंवर सिंह भाटी ने कहा कि वेटरनरी विश्वविद्यालय द्वारा राज्य में देशी गौवंश की नस्लों के संरक्षण और संवर्द्धन का कार्य और जागरूकता का काम सराहनीय है। देशी गौवंश का दूध संकर प्रजातियों के मुकाबले अधिक शुद्धता और गुणवŸाा वाला है। राज्य में शुद्ध के लिए युद्ध अभियान चलाया जा रहा है ऐसे में देशी गौवंश दुग्ध पार्लर से आम जन की अपेक्षाओं को पूरा करने में मदद मिलेगी। पशुपालक इससे प्रेरणा लेकर स्वरोजगार की ओर अग्रसर हो सकते हैं।
समारोह की अध्यक्षता करते हुए वेटरनरी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विष्णु शर्मा ने कहा कि आम जन की अपेक्षाओं के अनुरूप देशी गोवंश दुग्ध पार्लर शुरू किया गया है। देशी गौवंश के दूध और उनके उत्पादों के प्रति आमजन में रूचि पैदा हो रही है परन्तु इनकी उपलब्धता सही तरीके से नहीं हो पा रही है। विश्वविद्यालय द्वारा इसे बढ़ावा देने के लिए देशी गौवंश दुग्ध उत्पाद केन्द्र खोलने की पहल की गई है। केन्द्र खुलने से किसानों और पशुपालकों को उनके दूध का उचित मूल्य और दुग्ध प्रसंस्करण को बढ़ावा मिलेगा। संभवतः राज्य में देशी गौवंश दूध और उत्पादों का पहला केन्द्र शुरू किया जा रहा है और इसे विश्वविद्यालय के अन्य महाविद्यालयों में भी शुरू किया जायेगा। देशी गौवंश दूध की बढ़ती हुई मांग, पालन को बढ़ावा देने के साथ-साथ विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं को अनुसंधान और स्वरोजगार के लिए दूध के प्रसंस्करण कार्यों के लिए प्रेरित किया जा सकेगा। वेटरनरी विश्वविद्यालय की डेयरी में दुग्ध वितरण के कार्य को करने के लिए मिल्क ए.टी.एम. की स्थापना की गई है। यहां कैष लैस प्रक्रिया भी शुरू की गई हैं। वेटरनरी विश्वविद्यालय इन उत्पादों का जैविक प्रमाणीकरण करवाकर गुणवŸाा को सुनिश्चित करेगी। पार्लर में दूध, पनीर, फुल क्रीम लस्सी और श्रीखंड जैसे उत्पाद उपलब्ध करवाये जाएंगे।
समारोह में कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आर.पी. सिंह और पूर्व कुलपति प्रो. ए.के. गहलोत, कुलसचिव अजीत सिंह राजावत सहित गणमान्य नागरिक, डीन, डाॅयरेक्टर, अधिकारी, फैकल्टी सदस्य और छात्र-छात्राएं शामिल हुए। इस अवसर पर अतिथियों ने वेटरनरी विश्वविद्यालय द्वारा तैयार “पशु खनिज मिश्रण निर्माण और राठी गाय: पश्चिमी राजस्थान की धरोहर” शीर्षक पुस्तिकाओं और दुग्ध उत्पादों का लोकार्पण किया। वेटरनरी काॅलेज के अधिष्ठाता प्रो. राकेश राव ने धन्यवाद ज्ञापित किया। पशुधन अनुसंधान केन्द्र, बीकानेर के प्रभारी डाॅ. विजय बिश्नोई और पशुधन उत्पाद तकनीक विभागाध्यक्ष प्रो. बसंत बैस ने अतिथियों को जानकारी दी।

What's your reaction?