ब्रिटेन में कोरोना के नए स्ट्रेन से खबरदार केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) जारी किया है। ब्रिटेन में कोरोना वायरस के नए रूप के बाद पूरी दुनिया में खौफ का आलम है। एसओपी के तहत 25 नवंबर से 8 दिसंबर के बीच ब्रिटेन से भारत आने वाले अंतरराष्ट्रीय यात्रियों से जिला निगरानी अधिकारी संपर्क करेंगे और उन्हें अपने स्वास्थ्य के प्रति सचेत और सतर्क रहने की सलाह के साथ सेल्फ मॉनिटरिंग के लिए भी कहेंगे।
मंत्रालय ने कहा, ‘राज्य सरकारों को यह सुनिश्चित कराना होगा कि ब्रिटेन से आने और जाने वाले यात्रियों का RT-PCR अनिवार्य तौर पर किया जाए। यदि ये पॉजिटिव पाए जाते हैं तो सैंपल का जीन आधारित RT-PCR टेस्ट भी किया जाना चाहिए।
स्वास्थ्य मंत्रालय की साप्ताहिक प्रेस वार्ता में नीति आयोग के सदस्य डॉ वीके पॉल ने कहा कि ब्रिटेन में दिख रहे कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन जैसे मामले भारत में अब तक नहीं मिले हैं.
पॉल ने बताया कि वायरस का ये नया प्रकार लोगों को तेजी से संक्रमित करने वाला है. उन्होंने कहा कि इससे केस की गंभीरता और मृत्यु की आशंका पर कोई असर नहीं पड़ता है. उनके मुताबिक ये लोगों को ज्यादा बीमार नहीं करेगा लेकिन ज्यादा लोगों को बीमार करने वाला है. स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव ने देश में कोरोना वायरस की वर्तमान स्थिति पर प्रकाश डालते हुए बताया कि ऐसा लगभग साढ़े पांच महीने बाद हुआ है कि भारत में तीन लाख से कम एक्टिव मामले हैं. वर्तमान में भारत में कुल मामलों के सिर्फ 3 प्रतिशत एक्टिव मामले हैं.
राजेश भूषण ने कहा कि पिछले सात हफ्तों में रोजाना के नए मामलों में लगातार गिरावट देखने को मिली है. उन्होंने कहा कि भारत में रिकवरी रेट 95 प्रतिशत से ज्यादा है. स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि पिछले 24 घंटों में आए कुल मामलों में से 57 फीसदी मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र और केरल से सामने आए हैं. 61 प्रतिशत मौतें यूपी, छत्तीसगढ़, दिल्ली, केरल, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र में हुई हैं.
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