प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को राज्यों से अपील की वे कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के मद्देनजर कोई भी रणनीति बनाते समय इस बात का अवश्य ध्यान रखें कि सामान्य लोगों की आजीविका व आर्थिक गतिविधियों को कम से कम नुकसान हो और अर्थव्यवस्था की गति भी बनी रहे.
सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कांफ्रेस के जरिए संवाद के बाद अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना के अन्य स्वरूपों के मुकाबले ओमिक्रॉन का संक्रमण ‘‘कई गुना’’ तेजी से बढ़ रहा है और देश के वैज्ञानिक व स्वास्थ्य क्षेत्र के विशेषज्ञ इसका लगातार अध्ययन कर रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘‘यह बात साफ है कि हमें सतर्क रहना है, सावधान रहना है. भय का वातावरण ना बने, इसका भी ध्यान रखना ही होगा.’’
बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया, कैबिनेट सचिव राजीव गौबा के अलावा राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी, त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब देव, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा सहित अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने हिस्सा लिया. यह बैठक ऐसे समय में हुई जब देश में कोरोना संक्रमण के मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है.
- प्रधानमंत्री ने कहा आने वाले त्योहारों के मौसम के मद्देनजर लोगों के साथ ही प्रशासन की भी मुस्तैदी में कमी नहीं आनी चाहिए. उन्होंने कहा, ‘‘संक्रमण को हम जितना सीमित रख पाएंगे, परेशानी उतनी ही कम होगी.’’
- महामारी से लड़ने के लिए भारत की तैयारियों का विस्तृत ब्योरा देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना के नए स्वरूप ओमीक्रोन से लड़ने के अलावा देश को इस वायरस के भविष्य में सामने आने वाले किसी भी स्वरूप से निपटने के लिए भी तैयार रहने की आवश्यकता है.
- पीएम मोदी ने कहा, ‘‘कोरोना से इस लड़ाई में हमें एक और बात का बहुत ध्यान रखना होगा. अब हमारे पास लड़ाई का दो वर्ष का अनुभव है. देश की तैयारी भी है. सामान्य लोगों की आजीविका और आर्थिक गतिविधियों को कम से कम नुकसान हो. अर्थव्यवस्था की गति भी बनी रहे. कोई भी रणनीति बनाते समय हम इन बातों को ध्यान में रखें.’’
- पीएम मोदी ने कहा, ‘‘जहां से संक्रमण के अधिक मामले आ रहे हैं… जहां जहां से ज्यादा से ज्यादा और तेजी से मामले आ रहे हैं, वहां जांच हो, यह सुनिश्चित करना पड़ेगा. इसके अलावा हमें सुनिश्चित करना होगा गृह पृथकवास में भी ज्यादा से ज्यादा उपचार हो.’’
- पीएम मोदी ने मुख्यमंत्रियों से कहा कि घरों में पृथकवास से जुड़े दिशानिर्देशों को सरकारें जारी करती रहे और इसमें समय समय पर सुधार भी करें. उन्होंने कहा कि इस दौरान ‘‘टेस्टिंग, ट्रैकिंग और ट्रीटमेंट (परीक्षण, निगरानी और उपचार)’’ की व्यवस्था जितनी बेहतर होगी उतना ही अस्पतालों में जाने की आवश्यकता कम होगी.
- देश में जारी टीकाकरण अभियान का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि अग्रिम मोर्चे के कर्मियों और गंभीर बीमारियों से पीड़ित वरिष्ठ नागरिकों को एहतियाती खुराक जितनी जल्दी लगेगी, उतना ही देश के स्वास्थ्य देखभाल ढांचे पर कम बोझ पड़ेगा.
- प्रधानमंत्री ने कहा कि कि आज भारत लगभग 92 प्रतिशत वयस्क जनसंख्या को टीकों की पहली खुराक दे चुका है और लगभग 70 प्रतिशत लोगों को दोनों खुराक दे चुका है. इतना ही नहीं, सिर्फ 10 दिनों के भीतर ही भारत अपने लगभग तीन करोड़ किशोरों का भी टीकाकरण कर चुका है.
- कोरोना के खिलाफ जीत का विश्वास प्रकट करते हुए प्रधानमंत्री कहा, ‘‘यह भारत के सामर्थ्य को दिखाता है और इस चुनौती से निपटने की हमारी तैयारी को भी दिखाता है.’’ उन्होंने शत-प्रतिशत टीकाकरण के लिए ‘हर घर दस्तक’ अभियान को और तेज करने पर बल दिया.