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बढ़ रहे कोरोना संक्रमण को दखते चिकित्सा मंत्री ने जनता से की ये अपील

जयपुर: राजस्थान में कोरोना संक्रमण तेजी से फ़ैल रहा है. राजधानी जयपुर से लेकर राज्य के अन्य जिलों में संक्रमित मरीजों की तादाद बढ़ रही है. ऐसे में राजस्थान के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने प्रदेश की आवाम से अपील करते हुए कहा कि सरकार कोरोना की रोकथाम और इसके संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है, लेकिन आमजन की सावधानी से ही कोरोना के कुचक्र को बढ़ने से रोका जा सकता है. क्योंकि इस समय सबसे बड़ी जिम्मेदारी जनता की है.

स्वास्थ्य मंत्री डॉ. शर्मा ने कहा कि कोरोना का अभी कोई दवा या टीका ईजाद नहीं हो पाया है और ना ही कोरोना अभी समाप्त हुआ है. दुनिया भर में संक्रमण के मामले में भारत अब 2 नंबर पर आ चुका है. देश भर में 90 हजार लोग एक दिन में संक्रमित हो रहे हैं. अब तक देश में करीब 41 लाख लोग सवंमित हो चुके हैं. राज्य पर भी इसका असर पड़ रहा है. कुछ दिनों पहले तक प्रदेश में लगभग 1100 मरीज प्रतिदिन आ रहे थे, यह नंबर अब 1500 से ज्यादा तक पहुंच गया है.

चिकित्सा मंत्री ने कहा कि यह जानते हुए भी कुछ लोग प्रोटोकॉल का पालन नहीं कर लापरवाही बरत रहे हैं. संक्रमण के इस दौर में बिना मास्क घूमना, समूह में एकत्रित होना स्वयं और आमजन के लिए संक्रमण बढ़ाने वाला हो सकता है. उन्होंने कहा कि कोरोना में केवल बचाव और सावधानी ही उपचार है.

आधारभूत ढांचे को मजबूत कर रही सरकार
चिकित्सा मंत्री ने बताया कि हालांकि देश भर में कोरोना संक्रमण का प्रसार तेजी से हो रहा है लेकिन प्रदेश की सजग और सतर्क सरकार कोरोना की रोकथाम के हरसंभव प्रयास कर रही है. उन्होंने बताया कि राजधानी से लेकर प्रदेश के सभी जिला और सीएचसी स्तर के अस्पतालों पर फोकस करके आधारभूत ढांचे को मजबूत किया जा रहा है. प्रदेश में हाई फ्लोयुक्त 3018 आईसीयू बैड हैं, इनमें से वर्तमान में 872 ही इस्तेमाल किए जा रहे हैं. सरकार ने पर्याप्त शय्याओं का इंतजाम कर रखा है और निरंतर विभाग शय्याओं में बढ़ोतरी कर रहा है.

स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि हाल ही रेलवे से 50 शय्याएं ली हैं। पिछले दिनों 50 बैड आरयूएचएस में बढ़ाए हैं. इसके अलावा 100 कोविड केयर बैड आरयूएचएस में बढ़ाए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमारे पास 913 आईसीयू बैड हैं, इनमें से 406 ही काम में आ रहे हैं. 490 वेंटीलेटर्स हैं, इनमें से 113 ही इस्तेमाल किए जा रहे हैं. प्रदेश में संसाधनों की कोई कमी नहीं है.

 

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