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नौतपा नहीं तपा : जानिए आगे के लिए क्या कहते हैं ज्योतिषी और मौसम विभाग?

इस बार राजस्थान एक दशक के बाद नौतपा में सबसे कम तपा। पिछले साल चक्रवात ताऊते के कारण नौतपा नरम पड़ गया था, लेकिन तब भी प्रदेश में पारा 47 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच गया था। इसके पीछे वेस्टर्न डिस्टरबेंस को सबसे बड़ा कारण माना जा रहा है।  वहीं, इस साल नौतपा में पारा 46 डिग्री सेल्सियस तक ही पहुंच पाया।

इस साल 25 मई से 2 जून के बीच नौतपा रहा। ज्योतिषियों के मुताबिक नौतपा का सीजन हिंदू कैलेंडर की तिथियों के आधार पर निकलता है। अमूमन हर साल मई के आखिरी सप्ताह या उससे एक-दो दिन पहले शुरू होकर जून पहले सप्ताह तक खत्म हो जाता है।

मौसम केंद्र मुताबिक साल 2015 के बाद ये दूसरी बार है, जब नौतपा के सीजन में इतनी कम गर्मी पड़ी है। मौसम विशेषज्ञों ने बताया कि मई के आखिरी 10 दिन में एक्टिव हुए वेस्टर्न डिस्टरबेंस को इसका सबसे बड़ा कारण मान सकते हैं। इन आखिरी दिनों में कम प्रभाव वाले वेस्टर्न डिस्टरबेंस ज्यादा आए, इसमें लोकल लेवर पर क्लाउडिंग (बादल छाये) होने से तापमान बढ़ा नहीं और वेस्टर्न विंड का असर कम पड़ गया।

माना जाता है कि नौतपा में जितनी तेज गर्मी पड़ेगी, बारिश उतनी ही अच्छी होगी। इस बार तेज गर्मी नहीं पढ़ने से सबके मन में यही सवाल है कि कहीं मानसून बेरुखी ना हो जाए ? ज्योतिषियों के मुताबिक फिलहाल कुछ तय नहीं है। अगले कुछ दिनों में हवा और अन्य परीक्षणों के जरिए ही यह पता चल सकेगा कि मानसून राजस्थान में कैसा रहेगा। जबकि मौसम विभाग राजस्थान में मानसून सामान्य रहने की भविष्यवाणी की है।

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