राजस्थान

तृतीय श्रेणी शिक्षकों को तबादले के लिए करना होगा और इंतजार, जानिए क्या है वजह

जयपुर. राजस्थान तृतीय श्रेणी अध्यापकों को तबादले के लिए अभी और इंतजार करना होगा. एक दशक से तबादला पॉलिसी और प्रतिबंधित जिलों से तबादले की चाहत रखने वाले टीचर्स को सरकार और इंतजार करवाएगी. पहले सरकार स्पष्ठ कर चुकी है कि मौजूदा समय में तृतीय श्रेणी अध्यापकों के तबादले बिना तबादला पॉलिसी के नहीं किए जाएंगे. अब शिक्षा विभाग के द्वारा तैयार तबादला पॉलिसी में सरकार ने कमिया गिनाई है. अन्य राज्यों से तबादला पॉलिसी स्टडी करवाकर नई पॉलिसी का खाका तैयार करने को कहा है. राजस्थान की सरकार ने लंबे समय से तबादला पॉलिसी और तबादलों का इंतजार का समय और बढ़ा दिया है यानी फिलहाल तबादलों के लिए इंतजार और करना होगा.
शिक्षा विभाग में कार्यरत लाखों शिक्षकों को तबादला निती का और इंतजार करना होगा. हालांकि पॉलिसी तैयार है, लेकिन सरकार को पॉलिसी में अभी भी कमियां दिख रही है. वो बात अलग है कि यही तबादला पॉलिसी पहले बीजेपी की सरकार ला रही थी. फिर राज्य में सत्ता परिवर्तन हुआ और कांग्रेस की सरकार सत्ता में आई. मगर चार साल पूरे करने जा रही राजस्थान की कांग्रेस सरकार भी शिक्षकों की तबादला पॉलिसी तैयार नहीं कर पाई है. लेकिन सरकार ने राज्यसभा चुनाव में आई सियासी प्रेशर के बाद तबादलों से बैन हटा दिया. मगर राज्य के तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादलों पर अभी भी बैन बरकार है. सरकार ने पहले ऑनलाइन तबादलों के आवेदन लिए. फिर कहा पॉलिसी आ रही है. लेकिन पॉलिसी नहीं आई और तबादले फिर अटक गए है. हालांकि शिक्षा विभाग में सभी तरह के शैक्षणिक और अशैक्षणिक कर्मचारियों शिक्षकों के तबादले हो रहे है. मगर तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादले नहीं किए जा रहे हैं.
और अध्ययन की जरुरत-कल्ला
शिक्षा मंत्री डॉ बीडी कल्ला ने NEWS18 से बातचीत में स्पष्ट किया कि फिलहाल तृतीय श्रेणी अध्यापकों के तबादले नहीं होंगे. उनका कहना है ति तबादला पॉलिसी को अभी लागू नहीं कर सकते हैं. बेहतर पॉलिसी बनाने के लिए अन्य राज्यों की पॉलिसी का अध्ययन करवाया जा रहा है.
राज्य में सभी तरह के कर्मचारियों-अधिकारियों के तबादलों के बीच में तृतीय श्रेणी अध्यापकों के तबादलों पर चल रहे बैन को लेकर शिक्षक नेता विपिन शर्मा का कहना है कि सरकार अगर तबादले की पॉलिसी लाने में असमर्थ है तो एक गाइडलाइन तय करके प्रतिबंधित जिलों में सालों से तैनात शिक्षक.. पारिवारिक कारणों स्वास्थय कारण वाले शिक्षकों को राहत देते हुए उनके तबादले करने चाहिए. वहीं तबादले ना होने से परेशान प्रतिबंधित जिले जालोर में तैनात शिक्षक अरविंद बेनीवाल का कहना है कि सरकार पॉलिसी के नाम पर हर बार लॉलीपॉप दे देती है. बेनीवाल ने सरकार को चेलेंज दिया कि सरकार की पॉलिसी को लेकर मंशा साफ है तो 5 शिक्षक बैठा लो तीन दिन में निति तैयार कर देंगे.
एक दशक का इंतजार अभी और लंबा 
एक दशकों से पॉलिसी इन प्रोसेस में अटके शिक्षा विभाग के शिक्षकों में एक आस जगी थी कि राज्य की गहलोत सरकार जल्द ही तबादला निती लागू करने जा रही है. मगर तबादला पॉलिसी एक बार फिर से अटक गई है और अब यह तबादला पॉलिसी कब लागू होगी. इसका इंतजार फिलहाल समाप्त होता हुआ नजर नहीं आ रहा है, लेकिन तबादले ना होने से तृतीय श्रेणी के शिक्षकों के अरमानो में फिर से एक बार पानी फिर गया है

What's your reaction?