चूरू जिला परिवहन विभाग की चूक कहा जाए या दलालों की विभाग के अधिकारियों कर्मचारियों से सांठगांठ. यहां जिला परिवहन अधिकारी (DTO) ने मृत व्यक्ति का ड्राइविंग लाइसेंस जारी कर दिया है. मामला उजागर होने के बाद परिवहन विभाग के अधिकारियों में हड़कंप मच गया और जिला परिवहन अधिकारी ने आनन-फानन में फर्जी लाइसेंस को निरस्त कर फर्जी लाइसेंस बनवाने वाले एजेंट और युवक के खिलाफ सदर थाने में मामला दर्ज करवाया.
शहर के वार्ड संख्या 44 निवासी सलीम खान ने एजेंट महबूब खान की मदद से मृत व्यक्ति गुलाब नबी के नाम से लाइसेंस बनवा लिया. लाइसेंस जारी पर कर दिया गया, लेकिन मामला डीटीओ संजीव दलाल के संज्ञान में आने के बाद उन्होने लाइसेंस निरस्त कर सदर थाने में मामला दर्ज करवाया. पुलिस ने सलीम खान और एजेंट महबूब खान के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. यह जांच का विषय है कि बिना डीटीओ कार्यालय आए और टेस्टिंग ड्राइव के मृत व्यक्ति के नाम आखिरकार कैसे लाइसेंस बन गया.
चूरू DTO में यह पहला मामला नहीं है, बल्कि साल 2013 में चूरू DTO कार्यालय में बेनामी वाहनों का घोटाला भी सामने आ चुका है. उसके बाद साल 2017 में भी ऐसा ही घोटाला सामने आया था जब सदर थाना पुलिस ने तात्कालीन आरोपी DTO घासीराम मेहरडा और वरिष्ठ लिपिक बलबीर सिंह को 2017 में गिरफ्तार किया था. उस वक्त गैंगस्टर आनंदपाल मामले में एसओजी की जांच में ऐसे 2 वाहन सामने आये थे. जिनका रजिस्ट्रेशन 2013 में हुआ था. इसका इस्तेमाल आपराधिक गतिविधियों में किया जा रहा था, जब एसओजी ने वाहनों के कागजातों के आधार पर वाहन मालिकों को तलब किया तो उनके पास एक बाइक के अलावा कोई वाहन कभी खरीदना सामने नहीं आया.