नाटेश्वर महादेव मन्दिर,
मरूनायक चौक स्थित नाटेश्वर महादेव की स्थापना 300 वर्ष पूर्व हुई थी
राजा सरदार सिंह के राज दरबार दीवान रामलाल जी द्वारकानी के समय बनाया गया।
बीकानेर शहर के बीचोबीच नाटेश्वर महादेव मन्दिर है जिनका नाम प्राचीन मन्दिरों में आता है, यहां हर रोज श्रद्धालुओं की भीड़ रहती है, मोहता चौक के पास मरूनायक चौक स्थित यह मन्दिर 300 वर्ष पूर्व स्थापित किया गया। इस मन्दिर में भगवान शिव के आगे पार्वती माता की मूर्ति विराजित है। इसलिए इसको नाटेश्वर महादेव मन्दिर कहते है जो अर्द्धनारेश्वर का रूप है। राजस्थान में यह एकमात्र मन्दिर है जहां महादेव के आगे पार्वती माता की मूर्ति विराजित है। मान्यता है कि इस मन्दिर में कुंवारी कन्याओं द्वारा लगातार भगवान शिव की पूजा करने पर शीघ्र वर की प्राप्ति होती है।

त्रयीं तिस्रो वृत्तीस्त्रिभुवनमथो त्रीनपि सुरान्
अकाराद्यैर्वर्णैस्त्रिभिरभि दधत् तीर्णविकृति।
तुरीयं ते धाम ध्वनिभिरवरुन्धानमणुभिः
समस्त-व्यस्तं त्वां शरणद गृणात्योमिति पदम्।। 27।।
अकाराद्यैर्वर्णैस्त्रिभिरभि
तुरीयं ते धाम ध्वनिभिरवरुन्धानमणुभिः
समस्त-व्यस्तं त्वां शरणद गृणात्योमिति पदम्।। 27।।
हे सर्वेश्वर! ’’ऊँ’’ तीन तत्वों से बना हैं। अ, ऊ, माँ जो तीन वेदों (ऋग, साम, यजुर), तीन अवस्था (जाग्रत, स्वप्ना, शुसुप्ता), तीन लोकों, तीन कालों, तीन गुणों तथा त्रिदेवों को इंगित करता हैं। हे ओंकार ! आप ही इस त्रिगुण, त्रिकाल, त्रिदेव, त्रिअवस्था, और त्रिवेद के समागम हैं।